Tuesday, September 20, 2011
अच्छा होता है
Sunday, September 4, 2011
दिल्ली :)
राजधानी में कोई राजा जैसा न दिखा
हर जगह बस गरीब का पसीना ज़मीन पर टपकता दिखा
भेड़ देख पागल हो जाते हैं जैसे सियार
वैसा ही था हर ऑटो वाले के चेहरे का भाव
दस रूपये ज्यादा दे दोगे तो ताज महल नहीं बना लूँगा
ये कहकर ऑटोवाला मुझे मेरी मंजिल पर ले चला
बहार निकले तो रंगत ही बदल गयी
गलियां देखी हो पूरी ज़िन्दगी जिसने चौड़ी सड़के देख हैरत उसे थोड़ी आई
इधर मुड़ो तो अज़ान की महक उधर मुड़ो तो गीता का पाठ
Cultural Diversity उस दिन समझ में आई
बीडी जलाकर ऑटोवाले ने पुछा कहा से आये हो?
सहमे मैंने बोला ग्वालियर से
सिंधिया घराने से होगे : पहली हसी दिल्ली की इस तरह मेरे खिदमत पेश आई
ऑटो से बहार निकले थे हम सर
सौंधी हवा मुझसे कहने लगी
दिल ही हैं यह शहर दिल्ली न कहना
कुंदन हीरे से कम नहीं है यह गहना
अच्छे रहो इसके साथ तो खूब प्यार देती है
पर उखाड़ने की भूल न करना
तुम तो क्या ही हो पूरी की पूरी सरकार ही निगल लेती है
घर पहुचे बैग फेका और बिस्तर पर पद गए
40 मिनट मई ये शहर 40 मर्तबा बदल गया
क्या यहाँ के लोग भी ऐसे ही होंगे
सवाल दिल को खाए जा रहा था
पर शाम ढली तो जवाब आया
दिल्ली बोली मुझसे
चिंता मत कर जैसे भी हैं मेरे हैं
दोगुले हैं मक्कार हैं पर सारे नहीं हैं
उस पल एहसास हुआ यह दिल्ली नहीं दिल ही है :)
A Friday Evening
The sound of an airplane flying away
The echoes of namaaz soothing your heart
The big bags that can fit a child in them on every feminine shoulder
The couple fighting over what movie to watch, what seats to take, then the snacks to eat
The Tri-colour in the courtyard as its breezy best
The range of white shirts and kaleidoscopic shoes
The handbags that just keep on multiplying every second
The odd foreign guest walking out
The short hair ans the short shorts
The caps for both-the babies and the rappers
The corner with an employee working while his Boss sips on his single malt
The sweeper who makes the wiper take U-turns every 2 minutes
ALL OF IT IS HERE. ITS A FRIDAY BUT NOT THE SAME FOR EVERYONE.
Select Citywalk
August the 20th
Friday, April 15, 2011

Monday, March 14, 2011
Delhi Metro: A Way of Life
Sunday, February 20, 2011
दुआ
बारिशों में धुल गयी जो मिट्टी वैसी किस्मत नहीं हो तेरी
पहली बूँद के गिरने पर जो आये खुशबु वैसी किस्मत हो तेरी।